Saturday, December 4, 2010

अच्छाई



जीवन का कोई मोल हो सकता है क्या? या यूँ कहें कि क्या कोई किसी के जीवन का मोल अदा कर सकता है? कई बार इस प्रश्न का उत्तर हमने अपने आप से जानना चाहा है लेकिन कभी सही उत्तर या फिर स्वयं को संतुष्ट कर पाए, ऐसा उत्तर अपने आप को हम नहीं दे पाए हैं। लगातार सालों से यह आज भी हम अपने आप से जानने को प्रयासरत् हैं लेकिन सफलता अभी तक हमारे हाथ नहीं आयी है और कब मिलेगी? इस आशा की किरण भी नहीं दिख रही है। लेकिन कहीं कहीं मन में इस बात का विश्वास है कि, हो हो इस प्रश्न का कोई तो उत्तर है हमारे पास और हम एक दिन अपने आप से यह उत्तर जान पाऐगें, आज बस समय हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहा है।

अपने आस पास को देखने से अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग महत्व का विषय है जीवन। किसी के लिये यह बोझ है, तो किसी के लिए जीवन आनन्द है, कुछ लोगों के लिए यह नीरस जीवन है। जो सबसे अधिक जान पाए है हम, वह यह है कि अधिकतर लोगों ने जीवन को बस एक ही भाव में रखा हुआ है, कहने का तात्पर्य कि, उनका जीवन ठहरा हुआ है, बुरा है तो बुरा ही है, नीरस है तो बस नीरस ही है, अपरिर्वनीय माना हुआ है ज्यादातर लोगों ने। लेकिन इस परिवर्तनशील संसार में उन सबहों का जीवन कैसे अपरिवर्तनशील हो सकता है? यह हमारे समझ से परे रहता है।

कुछ भी हो ज्यादातर लोगों ने जीवन को नकारात्मक बना के रखा हुआ है और अपनी नकारात्मक सोच के कारण उनके कृत्य भी नकारात्मक होते हैं। ऐसे लोगों को नए सिरे आत्म मन्थन की आवश्यकता है और यह जानने की आवश्यकता है कि कैसे अपने आप को परिवर्तित करके अपने विचारों से, अपने कर्तव्य और अपने व्यवहार से औरों में परिवर्तन की लहर को संचारित कर सकें।



आख़िर वह कौन है जो

हमें रोकता है

कहीं कोई किसी भी अच्छाई करने से

क्या यह सच है कि वाकई

दुनिया वालों की नफ़रत है इस भलाई से

आख़िर यह कब तक चलेगा

उस दिन को आना ही होगा

कब तक उठाता रहेगा सिर वह

एक दिन तो

इस सूरज को ढलना ही होगा

कितना भी प्रयत्न करता रहे कोई

कि

रोक नहीं सकता है

उस सूरज को उगने से

उसे उगना ही होगा

नयी लहर

नयी उम्मीद और भावनाओं से

किसी भी कीमत पर उगना होगा उसको

उसकी कीमत निश्चय ही शीश हमारा होगा

स्वीकार है हमें यह कीमत

तैयार है हम

जब भी उसकी ज़रूरत होगी

सब के लिए

जहॉ के लिए

तैयार है हम।

उन्मत्त

1 comment:

Sunil Kumar said...

सारगर्भित रचना . बहुत सुंदर .बधाई