Wednesday, March 21, 2012

जो तुम होते ..................





              जीवन में बहुत सी घटनाए ऐसी होतीं हैं, जिस पर हम सब का कोर्इ भी जोर नहीं चलता और न ही वो हमारे लिए सकारात्मक होती है। ऐसी सिथति में मन को सिर्फ सांत्वना ही देना होता है, किसी न किसी बहाने। उसके सिवाय कोर्इ और रास्ता भी नहीं होता है पास। क्योंकि मात्र इसी रास्ते से मन को राहत रहती है। 




कितना अच्छा होता, जो तुम होते,
वक़्त हमारा होता, जो तुम होते।

रिमझिम बूदें और बरसतीं फिर,
सावन पगलाया होता, जो तुम होते।

सासों और धड़कन में होती जंग बहुत,
ख़्वाब मुस्कराता होता, जो तुम होते।

बेहाल न होता किसी हाल में दिल,
दर्द बेकल न होता, जो तुम होते।

न वक़्त ठहरता, न ही हम हमदम,
जीवन चलता होता, जो तुम होते।

तुम न आए तो बदल गया ''उन्मत्त'',
मैं मैं ही रहा होता, जो तुम होते।


                                                                                                                              ''उन्मत्त''

No comments: