Thursday, February 25, 2010

फागुन आयो रे ---- रंग उड़े, उड़े रे गुलाल







होली पर्व की ढेरों शुभकामनायें




हर होली के रंगों में यूँ रंग जाए जीवन सारा, कि जीवन के हर पर पल रंगीन हो उठे। आशाओं और उम्मीदों के रंग, वास्तविकता की पिचकारियों और प्रेम, सौहार्द के साथ आप पर यूँ बरसे के जीवन की यह होली, एक दिन की न हो, यह होली सारे जीवन की हो।

होली की ढेर सारे रंगों के बीच, पापड़ और गुझियों के साथ, अबीर और गुलाल के फुहारों के मध्य, किसी भी हाल कोई दिल न दु:खे, इस बात का पूरा ख्याल रखिए। सिर्फ रंग ही नहीं प्यार को भी बरसाइए, इस बरस इस होली में।




होली है तो, है हुड़दंग,
साथ साथ है, है संग संग,
बॉट रहें हैं खुशियाँ सब,
बॉट रहे हैं भंग।


कुछ भाग रहें हैं रंगों से,
कुछ भाग रहें हैं खुशियों से,
कुछ खोए हैं अपने से,
कुछ खोए हैं हँसियों से।


दिल खुल जाएगा तो,
मिल जाएगें अपने भी,
बढ़ जाए हौसला तो,
खिल जाएगें सपने भी,


हाथ ही नहीं, दिल भी बढ़ा,
कदम ही नहीं, जज्बात भी चला,
"उन्मत्त" शब्द ही नहीं, भाव भी दिखा,
रंगों के ढेर में अपने दिलों को मिला।
"उन्मत्त"
--- अहसास और संवेदना ---

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